#16- हैकर सैयद शुजा की कहानी पर उठे सवाल ...? बिना सबूत आरोप क्या देश की प्रतिष्ठा को नहीं गिरायेगा...?
एक और चुनाव आयोग ने शुजा के चुनाव आयोग के साथ काम करने के दावे पर सवालिया निशान लगाते हुए केस दर्ज करने के लिए पुलिस को पत्र लिखा है वहीं दूसरी ओर कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल की वहां उपस्थिति शुजा- कांग्रेस के गठजोड़ को बेनकाब करती है ।

शुजा ने यह कहा है कि 2014 के चुनाव में ईवीएम मशीनों में गड़बड़ी हुई पर उनके पास इसके सबूत नहीं है कि ठीक वैसे ही है जैसे राहुल गांधी ने राफेल में गड़बड़ी होने के आरोप तो लगाए पर उनके सबूत ना कोर्ट में रख पाए न जनता के सामने आज तक रख पाए हैं ।
आपको याद होगा कुछ साल पहले उत्तर प्रदेश के एक छात्र ने यह दावा किया था कि उसने नासा कि उस प्रतियोगिता में सफलता हासिल की है जिसे अब से पहले केवल एपीजे अब्दुल कलाम ने उतीर्ण किया था ...कई दिनों तक सुर्खियों में बना रहा यह शख्स कई सम्मान भी ले चुका इसी दौरान एपीजे अब्दुल कलाम जो कि उस समय राष्ट्रपति थे ।उनके राष्ट्रपति भवन को यह विज्ञप्ति जारी करनी पड़ी कि इस प्रकार की परीक्षा कभी ए पी जे अब्दुल कलाम ने नहीं दी है और ना ही नासा द्वारा ऐसी कोई परीक्षा आयोजित की जाती है।
 पर तब तक देर हो चुकी थी ....क्या सैयद शुजा उस छात्र की तरह नहीं है ..?
सवाल यह भी उठता है कि जिस संगठन के बैनर तले यह कार्यक्रम आयोजित किया गया उसने अब तक दोनों ही कार्यक्रम देश से बाहर किए हैं और लंदन में किए हैं और दोनों बार ही कांग्रेस के नेता ही उसके कार्यक्रम में उपस्थित रहे हैं ।
पिछली बार राहुल गांधी ने उसके उस कार्यक्रम में शिरकत की थी और इस बार कपिल सिब्बल ने ।

शुजा का यह कहना कि हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव में गड़बड़ी इसलिए नहीं हो पाई क्योंकि उसके द्वारा मॉनिटरिंग की गई थी और कांग्रेस ने उससे संपर्क किया था तो सवाल यह खड़ा करता है कि क्या इन 3 राज्यों के चुनाव में कांग्रेस ने इन मशीनों को हैक करवाया जिससे उसे सत्ता मिल सके ...?
क्योंकि मध्य प्रदेश और राजस्थान में सीटों का अंतर,मत प्रतिशत का अंतर बहुत सारे सवाल खड़े करने के लिए पर्याप्त है ।
उसी प्रकार दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की पार्टी आप से भी उनके संपर्क करने के दावे इस बात के सवाल खड़े करता है क्या दिल्ली विधानसभा चुनाव के दौरान भी केजरीवाल की पार्टी ने शुजा की मदद ली थी ?
महाराष्ट्र के लोकप्रिय और कद्दावर भाजपा नेता की मौत को ईवीएम से जोड़कर शुजा ने अपने आप पर सवालिया निशान लगा लिया।
इसके अलावा पत्रकार गौरी लंकेश की हत्या भी उन्होंने ईवीएम से जोड़ने की कोशिश की थी पर उनकी बहन ने इस सब से इनकार किया है ।
पूरी दुनिया में भारत के लोकतंत्र की अपनी एक विशिष्ट पहचान है और पूरी दुनिया हमारे लोकतंत्र को बड़े सम्मान के साथ देखती है ।

उस पर लगाए गए आरोपों की बिना पुख्ता जांच और जानकारी के जिम्मेदारी के अभाव में मीडिया द्वारा प्रसारित और प्रसारित करना और राजनीतिक दलों द्वारा मोदी सरकार के विरोध के नाम पर चुनाव आयोग जैसे निष्पक्ष तंत्र पर प्रश्न चिन्ह लगा देना, देश की साख पर बट्टा लगा देने जैसा है।
 2014 के चुनाव से पूर्व देश में कांग्रेस की सरकार थी तो सुजा के आरोपों को सही माने तो कांग्रेस सरकार,चुनाव आयोग मोदी के कंट्रोल में था...? या फिर कांग्रेस सरकार इसके लिए जिम्मेदार थी ..?
सवाल बहुत है और जवाब एक है बिना विश्वसनीयता, बिना सबूतों और बिना तथ्यों के किसी भी व्यक्ति द्वारा सनसनीखेज आरोप लगाना और उन्हें महिमा मंडित करने की कोशिश देश के लोकतंत्र के स्वास्थ्य के लिए खराब है।
राष्ट्रीय मतदाता दिवस पर शुभकामनाएं।
फ़ोटो-साभार गूगल
।।शिव।।

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