#18 सरकार बदली तो बदला पुरस्कार का नाम और साइकिल का रंग..सरस्वती को ना इंदिरा को हाँ..?

सरकार बदलने के साथ ही राजस्थान की शिक्षा में नित नए बदलाव देखने को मिल रहे हैं राज्य में नहीं बनी कांग्रेस सरकार के शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा ने भाजपा सरकार के पूर्ववर्ती मंत्री वासुदेव देवनानी के फैसलों को उलटना शुरू कर दिया है।
पाठ्यक्रम की समीक्षा करने के ऐलान के बाद शिक्षा मंत्री ने मेघावी बालिकाओं को दी जाने वाली साइकिल के भगवा रंग पर रोक लगाते हुए इसी वर्ष से काले रंग की साइकिल देने का ऐलान किया है।
शिक्षा मंत्री ने पिछली सरकार द्वारा शुरू किए गए पद्माक्षी पुरस्कार  का नाम भी बदल कर इंदिरा प्रियदर्शनी पुरस्कार किए जाने की घोषणा कर दी है ज्ञात हो कि पिछली सरकार ने इंदिरा प्रियदर्शनी नाम परिवर्तित करके पद्माक्षी पुरस्कार किया गया था ।
                    फ़ोटो- साभार ईनाडु

इंदिरा प्रियदर्शनी पुरस्कार पूर्व प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी के नाम पर दिया जाता रहा है  परंतु पिछली सरकार ने  इसे  शिक्षा की अधिष्ठात्री देवी सरस्वती के पर्यायवाची समझे जाने वाले पद्माक्षी नाम से  इस पुरस्कार को देना प्रारंभ किया था।
इन्हें मिलता था पद्माक्षी पुरस्कार
पद्माक्षी पुरस्कार सामान्य, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग, अल्पसंख्यक, विशेष पिछड़ा वर्ग, बीपीएल व नि:शक्त वर्ग की ऐसी छात्राओं को दिया जाता रहा है, जो माध्यमिक शिक्षा बोर्ड राजस्थान की कक्षा 8, 10 व 12 की परीक्षाओं में प्रत्येक जिले में प्रथम स्थान पर रहती हैं। इसी प्रकार संस्कृत शिक्षा विभाग में अध्ययनरत आठों संवर्गों की ऐसी छात्राएं, जिन्होंने बोर्ड की कक्षा 8, प्रवेशिका और वरिष्ठ उपाध्याय बोर्ड परीक्षाओं में राज्य में प्रथम स्थान प्राप्त किया है, उनको पुरस्कार दिया जाता था। पुरस्कार राशि के रूप में 40 हजार, 75 हजार और 1 लाख रुपए दिए जाते थे।
शिक्षा मंत्री ने पुरस्कार में संख्या की बढ़ोतरी करते हुए कला,वाणिज्य और विज्ञान संकाय से अलग अलग छात्राओं के चयन की घोषणा की है जबकि पहले तीनों संकायों में से एक का चयन होता था।
।।शिव।।

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