#21
कुर्सी से पहले गंगा में डुबकी...क्या पार लगेगी नैया ? या मोदी-योगी का बरकरार रहेगा जलवा..?
सत्ता क्या क्या नहीं करवाती ...मंदिरों से दूर रहने वाले लोग मंदिर की सीढ़ियों में बैठे नजर आते हैं ।आस्था पर सवाल उठाने वाले लोग सबसे बड़े आस्थावान बन जाते हैं ।धर्म को अफीम बताने वाले वाममार्गी पश्चिम बंगाल में दुर्गा पूजा के पांडाल सजाते हैं तो भगवान राम के अस्तित्व पर सवाल उठाने वाले कांग्रेसी गंगा में डुबकी लगाने को बेताब हो जाते हैं ....
प्रयागराज में चल रहे कुंभ में ही उत्तर प्रदेश सरकार की कैबिनेट की बैठक हुई और सारे मंत्रियों ने ना केवल स्नान किया बल्कि अकबर किले में अब तक बंद रहे वट दर्शन को खोलने के बाद दर्शन भी किए ।
इसके साथ ही प्रयागराज में चल रहे कुंभ के खर्चे पर सवाल उठाने वाले पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भी गंगा स्नान किया और केंद्र सरकार से अकबर किले को प्रदेश सरकार को दान में देने की मांग कर डाली।
चर्चा है कि कांग्रेस की नवनियुक्त महासचिव एवं राजीव- सोनिया गांधी की पुत्री श्रीमती प्रियंका रॉबर्ट वडेरा गांधी भी 4 या 5 फरवरी को कुंभ में अपने भाई और कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के साथ पहुंचकर स्नान करने वाली है।
कांग्रेस हलकों में चर्चा है कि वे उसके बाद लखनऊ में प्रेस कॉन्फ्रेंस करके विधिवत रूप से कांग्रेस की कमान संभालेगी।
कांग्रेस सूत्र बताते हैं यदि ऐसा संभव नहीं हुआ तो संभवत 10 फरवरी को बसंत पंचमी के दिन बहन भाई की जोड़ी गंगा स्नान कर माता गंगा को धोक लगाएंगे ।
कभी भारतीय जनता पार्टी के हिंदुत्व पर सवाल उठाने वाली कांग्रेस आज उसके पद चिन्हों पर चलती हुई नजर आती है,कांग्रेस अध्यक्ष अपने आप को जनेऊ धारी हिंदू कहलवाना पसंद करने लगे हैं ।
वे अब अपना खुलकर गौत्र भी बताने लगे हैं ।पिछले साल पुष्कर में उन्होंने अपने आपको दत्तात्रेय गौत्र वाला ब्राह्मण बताकर राजनैतिक हलकों में एक सवाल का जबाब देकर कई सवालों को खड़ा कर दिया....
अब देखना यह है कि स्वर्गीय प्रधानमंत्री राजीव गांधी की पुत्री अपना गोत्र क्या बताती हैं ....? जो भी हो पर इतना तय हो गया है,इस चुनाव की राह गंगा के आस-पास से निकलेगी,इसलिए योगी-मोदी भी गंगा किनारे डटे है तो कांग्रेस की नैया गंगा में डूब ना जाये इस डर से प्रियंका रॉबर्ट वाड्रा गांधी को पतवार सम्भला दी वो भी गंगा किनारे वाले इलाके की....
गौतमबुद्ध नगर की रहने वाली सुमन पारीख कहती है "2014 तक भारतीय जनता पार्टी को धर्म के मुद्दे पर कोसने वाले लोग 2019 के चुनाव आते-आते अपने माथे पर तिलक,कंधे पर जनेऊ और गले में दुपट्टा डालकर चुनाव प्रचार करते नजर आएंगे... "
क्या गंगा में लगाई गई डुबकी कांग्रेस की नैया पार लगाएगी ?या मोदी -योगी की जोड़ी अपने जादू को बरकरार रख पाएगी? यह तो आने वाला चुनाव बताएगा पर इतना जरूर करें कि यह चुनाव बिना हिंदुत्व के नहीं लड़ा जाएगा ।
वाराणसी के विवेक मिश्रा एक सवाल करते हुए कहते है "पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह द्वारा संसाधनों पर पहला हक अल्पसंख्यकों का है कहने और कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की मंदिरों में जाने वाले लोगों पर की गई टिप्पणी पर लोग आज भी सवाल उठाते नजर आते हैं। क्या कांग्रेस मनमोहन सिंह और राहुल गांधी के द्वारा की गई टिप्पणियों के पाप को गंगा में धोने में सफल होगी..?स
वाल छोटा जरूर है पर कुंभ में आने वाले हर श्रद्धालु के दिमाग में कौंध जरूर रहा है...
देखते है ...मुझे माँ गंगा ने बुलाया है कहने वाले मोदी के जबाब में प्रियंका और राहुल क्या कहते है जो पहली बाद कुम्भ में आ रहे है...?
।।शिव।।
कुर्सी से पहले गंगा में डुबकी...क्या पार लगेगी नैया ? या मोदी-योगी का बरकरार रहेगा जलवा..?
सत्ता क्या क्या नहीं करवाती ...मंदिरों से दूर रहने वाले लोग मंदिर की सीढ़ियों में बैठे नजर आते हैं ।आस्था पर सवाल उठाने वाले लोग सबसे बड़े आस्थावान बन जाते हैं ।धर्म को अफीम बताने वाले वाममार्गी पश्चिम बंगाल में दुर्गा पूजा के पांडाल सजाते हैं तो भगवान राम के अस्तित्व पर सवाल उठाने वाले कांग्रेसी गंगा में डुबकी लगाने को बेताब हो जाते हैं ....
प्रयागराज में चल रहे कुंभ में ही उत्तर प्रदेश सरकार की कैबिनेट की बैठक हुई और सारे मंत्रियों ने ना केवल स्नान किया बल्कि अकबर किले में अब तक बंद रहे वट दर्शन को खोलने के बाद दर्शन भी किए ।
इसके साथ ही प्रयागराज में चल रहे कुंभ के खर्चे पर सवाल उठाने वाले पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भी गंगा स्नान किया और केंद्र सरकार से अकबर किले को प्रदेश सरकार को दान में देने की मांग कर डाली।
चर्चा है कि कांग्रेस की नवनियुक्त महासचिव एवं राजीव- सोनिया गांधी की पुत्री श्रीमती प्रियंका रॉबर्ट वडेरा गांधी भी 4 या 5 फरवरी को कुंभ में अपने भाई और कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के साथ पहुंचकर स्नान करने वाली है।
कांग्रेस हलकों में चर्चा है कि वे उसके बाद लखनऊ में प्रेस कॉन्फ्रेंस करके विधिवत रूप से कांग्रेस की कमान संभालेगी।
कांग्रेस सूत्र बताते हैं यदि ऐसा संभव नहीं हुआ तो संभवत 10 फरवरी को बसंत पंचमी के दिन बहन भाई की जोड़ी गंगा स्नान कर माता गंगा को धोक लगाएंगे ।
कभी भारतीय जनता पार्टी के हिंदुत्व पर सवाल उठाने वाली कांग्रेस आज उसके पद चिन्हों पर चलती हुई नजर आती है,कांग्रेस अध्यक्ष अपने आप को जनेऊ धारी हिंदू कहलवाना पसंद करने लगे हैं ।
वे अब अपना खुलकर गौत्र भी बताने लगे हैं ।पिछले साल पुष्कर में उन्होंने अपने आपको दत्तात्रेय गौत्र वाला ब्राह्मण बताकर राजनैतिक हलकों में एक सवाल का जबाब देकर कई सवालों को खड़ा कर दिया....
अब देखना यह है कि स्वर्गीय प्रधानमंत्री राजीव गांधी की पुत्री अपना गोत्र क्या बताती हैं ....? जो भी हो पर इतना तय हो गया है,इस चुनाव की राह गंगा के आस-पास से निकलेगी,इसलिए योगी-मोदी भी गंगा किनारे डटे है तो कांग्रेस की नैया गंगा में डूब ना जाये इस डर से प्रियंका रॉबर्ट वाड्रा गांधी को पतवार सम्भला दी वो भी गंगा किनारे वाले इलाके की....
गौतमबुद्ध नगर की रहने वाली सुमन पारीख कहती है "2014 तक भारतीय जनता पार्टी को धर्म के मुद्दे पर कोसने वाले लोग 2019 के चुनाव आते-आते अपने माथे पर तिलक,कंधे पर जनेऊ और गले में दुपट्टा डालकर चुनाव प्रचार करते नजर आएंगे... "
क्या गंगा में लगाई गई डुबकी कांग्रेस की नैया पार लगाएगी ?या मोदी -योगी की जोड़ी अपने जादू को बरकरार रख पाएगी? यह तो आने वाला चुनाव बताएगा पर इतना जरूर करें कि यह चुनाव बिना हिंदुत्व के नहीं लड़ा जाएगा ।
वाराणसी के विवेक मिश्रा एक सवाल करते हुए कहते है "पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह द्वारा संसाधनों पर पहला हक अल्पसंख्यकों का है कहने और कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की मंदिरों में जाने वाले लोगों पर की गई टिप्पणी पर लोग आज भी सवाल उठाते नजर आते हैं। क्या कांग्रेस मनमोहन सिंह और राहुल गांधी के द्वारा की गई टिप्पणियों के पाप को गंगा में धोने में सफल होगी..?स
वाल छोटा जरूर है पर कुंभ में आने वाले हर श्रद्धालु के दिमाग में कौंध जरूर रहा है...
देखते है ...मुझे माँ गंगा ने बुलाया है कहने वाले मोदी के जबाब में प्रियंका और राहुल क्या कहते है जो पहली बाद कुम्भ में आ रहे है...?
।।शिव।।
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