लोकसभा चुनाव
#1
सरकार बन गयी....गाजे-बाजे भी हो लिए....वेटिंग इन पीएम राहुल जी भी आकर गए....अधिकारी भी बदल गए....मंत्रियों के नए कमरे...कमरों के बाहर लग गयी है नई नाम पट्टिका....
क्या अधिकारियों का काम करने का ढर्रा बदला...? क्या आम जनता को राहत मिली? क्या किसान को कर्जमाफी का पकड़ाया गया झुनझुना उसे गरीबी,बेचारगी से निकाल पायेगा...ऐसे ही बहुत सारे सवाल है जो आपको सरकार के बदलने के साथ ही उठते है या उठाये जाते है.....
51,सरदार पटेल पर मायूसी का आलम और इंदिरा भवन में जोश भले ही दिख रहा हो पर कांग्रेस को अपना दम खम्म फिर से साबित करने की चुनौती उसी मायूसी के पीछे खड़े भाजपा के उस कार्यकर्ता से मिलने वाली है जो मोदी के लिए जीवन मरण के सवाल के साथ लड़ेगा भले ही विधानसभा चुनाव में महारानी से नाराजगी के चलते अपना वोट करके फर्ज पूरा कर आया।
वहीं सत्ता के बाद जोश में आया कांग्रेस कार्यकर्ता भी अपने 5 साल की खुमारी के बाद आगे आयेगा... पर एक बीमारी है कांग्रेस में जूतम पैजार की।हाल ही में सवाई माधोपुर सहित कुछ स्थानों पर हुई तू-तू मैँ- मैँ इसी की एक बानगी है।
चुनावों में कांग्रेस को और भाजपा दोनों को ही पूरी ताकत झोंकनी ही होगी नहीं तो हाथ मलते रह जायेगी कांग्रेस और मुरझा जाएगा कमल....
राजस्थान से वसुंधरा राजे को उसी तरह दूर रखा जाएगा जैसे ओम माथुर और स्व.रामदास अग्रवाल को रखा गया था या वे पहले की तरह ही काजल वाली अपनी बड़ी बड़ी आंखों से गुलाबचंद कटारिया, मदन लाल सैनी,राजेन्द्र राठौड़ और चंद्रशेखर पर नज़र रखेगी...?
कांग्रेस से सी पी जोशी,गिरिजा व्यास जैसे ब्राह्मण नेता घनश्याम तिवाड़ी की तरह नज़रंदाज़ किये जायेंगे या उन्हें कोई सम्मान मिलेगा...?
लोकसभा चुनाव में अशोक गहलोत और सचिन पायलट दोनों को मैदान में उतारा जायेगा या किसी एक को यह कई मायने में बहुत महत्वपूर्ण होगा....
आज बस इतना ही....राम राम
।।शिव।।
सरकार बन गयी....गाजे-बाजे भी हो लिए....वेटिंग इन पीएम राहुल जी भी आकर गए....अधिकारी भी बदल गए....मंत्रियों के नए कमरे...कमरों के बाहर लग गयी है नई नाम पट्टिका....
क्या अधिकारियों का काम करने का ढर्रा बदला...? क्या आम जनता को राहत मिली? क्या किसान को कर्जमाफी का पकड़ाया गया झुनझुना उसे गरीबी,बेचारगी से निकाल पायेगा...ऐसे ही बहुत सारे सवाल है जो आपको सरकार के बदलने के साथ ही उठते है या उठाये जाते है.....
51,सरदार पटेल पर मायूसी का आलम और इंदिरा भवन में जोश भले ही दिख रहा हो पर कांग्रेस को अपना दम खम्म फिर से साबित करने की चुनौती उसी मायूसी के पीछे खड़े भाजपा के उस कार्यकर्ता से मिलने वाली है जो मोदी के लिए जीवन मरण के सवाल के साथ लड़ेगा भले ही विधानसभा चुनाव में महारानी से नाराजगी के चलते अपना वोट करके फर्ज पूरा कर आया।
वहीं सत्ता के बाद जोश में आया कांग्रेस कार्यकर्ता भी अपने 5 साल की खुमारी के बाद आगे आयेगा... पर एक बीमारी है कांग्रेस में जूतम पैजार की।हाल ही में सवाई माधोपुर सहित कुछ स्थानों पर हुई तू-तू मैँ- मैँ इसी की एक बानगी है।
चुनावों में कांग्रेस को और भाजपा दोनों को ही पूरी ताकत झोंकनी ही होगी नहीं तो हाथ मलते रह जायेगी कांग्रेस और मुरझा जाएगा कमल....
राजस्थान से वसुंधरा राजे को उसी तरह दूर रखा जाएगा जैसे ओम माथुर और स्व.रामदास अग्रवाल को रखा गया था या वे पहले की तरह ही काजल वाली अपनी बड़ी बड़ी आंखों से गुलाबचंद कटारिया, मदन लाल सैनी,राजेन्द्र राठौड़ और चंद्रशेखर पर नज़र रखेगी...?
कांग्रेस से सी पी जोशी,गिरिजा व्यास जैसे ब्राह्मण नेता घनश्याम तिवाड़ी की तरह नज़रंदाज़ किये जायेंगे या उन्हें कोई सम्मान मिलेगा...?
लोकसभा चुनाव में अशोक गहलोत और सचिन पायलट दोनों को मैदान में उतारा जायेगा या किसी एक को यह कई मायने में बहुत महत्वपूर्ण होगा....
आज बस इतना ही....राम राम
।।शिव।।
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