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अब राजस्थान लिखेगा अंतरिक्ष में अपनी इबारत।मोदी सरकार ने राजस्थान को दिया एक नया तोहफा,
जी, हां! भारत सरकार के अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन इसरो के क्षेत्रीय अनुसंधान केंद्र का शुभारंभ आज से जयपुर के एमएनआईटी परिसर में किया गया है । इस पूर्वी क्षेत्र में राजस्थान के अलावा गुजरात, महाराष्ट्र, गोवा ,दमन दीप, नगर हवेली जैसे प्रदेश और केंद्र शासित क्षेत्र शामिल किए गए हैं। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन इसरो के निदेशक डॉ कृष्णन ने बताया कि आज से जयपुर में प्रारंभ होने वाला यह रिसर्च अकैडमी सेंटर शीघ्र ही काम करना प्रारंभ कर देगा क्योंकि यहां स्थान और मशीनरी की पर्याप्त उपलब्धता है।
इस रिसर्च एकेडमिक सेंटर से विद्यार्थियों को अंतरिक्ष अनुसंधान के क्षेत्र में काम करने का अवसर मिलेगा और आने वाले दिनों में राजस्थान के युवा भी अंतरिक्ष अनुसंधान के क्षेत्र में अपनी सफलता की इबारत लिख सकेंगे।
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के डायरेक्टर डॉ. पीवी वेंकट कृष्णन ने बताया कि इन केंद्रों में इसरो की विभिन्न परियोजनाओं पर अनुसंधान होगा।
उन्होंने बताया कि ये मूलत: अनुसंधान केंद्र होंगे। यहां अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी से संबंधित नए सिद्धांतों का प्रतिपादन भी होगा। जयपुर में नए बने इस केंद्र पर दो करोड़ रुपए का निवेश इसरो द्वारा किया जा रहा है ।
जयपुर के अलावा पटना, गुवाहाटी, बनारस, कुरुक्षेत्र और कन्याकुमारी में भी ऐसे क्षेत्रीय अकादमी खोले जाएंगे। इसके अलावा देश भर में छह अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी इन्कुबेशन केंद्र (एस-टीआइसी) भी खोले जाएंगे, जहां अंतरिक्ष कार्यक्रमों के लिए उत्पाद तैयार होगा।
इन्कुबेशन केंद्रों की स्थापना निजी क्षेत्र के सहयोग से की जाएगी, लेकिन अंतरिक्ष अकादमी इसरो का अपना केंद्र होगा, जिसमें निजी क्षेत्र शामिल नहीं होंगे। पहले इन्कुबेशन केंद्र की स्थापना त्रिपुरा की राजधानी अगरतला में की गई है। अगरतला के अलावा ऐसे 5 और केंद्र जालंधर, नागपुर, इंदौर, भुवनेश्वर और त्रिची में स्थापित किए जाएंगे। उन्होंने बताया कि देश के छह विश्वविद्यालयों में इसरो के शीर्ष वैज्ञानिकों के नाम पर पीठ स्थापित जा रही है। पहली पीठ का नामकरण प्रोफेसर सतीश धवन के नाम पर किया गया है। अन्नामलई विश्वविद्यालय में डॉ श्रीनिवासन पीठ स्थापित होगा। जिन वैज्ञानिकों ने देश के विकास में अतुलनीय योगदान दिया है, उनके नाम पर ऐसे पीठ स्थापित किए जाएंगे।
।।शिव।।
अब राजस्थान लिखेगा अंतरिक्ष में अपनी इबारत।मोदी सरकार ने राजस्थान को दिया एक नया तोहफा,
जी, हां! भारत सरकार के अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन इसरो के क्षेत्रीय अनुसंधान केंद्र का शुभारंभ आज से जयपुर के एमएनआईटी परिसर में किया गया है । इस पूर्वी क्षेत्र में राजस्थान के अलावा गुजरात, महाराष्ट्र, गोवा ,दमन दीप, नगर हवेली जैसे प्रदेश और केंद्र शासित क्षेत्र शामिल किए गए हैं। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन इसरो के निदेशक डॉ कृष्णन ने बताया कि आज से जयपुर में प्रारंभ होने वाला यह रिसर्च अकैडमी सेंटर शीघ्र ही काम करना प्रारंभ कर देगा क्योंकि यहां स्थान और मशीनरी की पर्याप्त उपलब्धता है।
इस रिसर्च एकेडमिक सेंटर से विद्यार्थियों को अंतरिक्ष अनुसंधान के क्षेत्र में काम करने का अवसर मिलेगा और आने वाले दिनों में राजस्थान के युवा भी अंतरिक्ष अनुसंधान के क्षेत्र में अपनी सफलता की इबारत लिख सकेंगे।
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के डायरेक्टर डॉ. पीवी वेंकट कृष्णन ने बताया कि इन केंद्रों में इसरो की विभिन्न परियोजनाओं पर अनुसंधान होगा।
उन्होंने बताया कि ये मूलत: अनुसंधान केंद्र होंगे। यहां अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी से संबंधित नए सिद्धांतों का प्रतिपादन भी होगा। जयपुर में नए बने इस केंद्र पर दो करोड़ रुपए का निवेश इसरो द्वारा किया जा रहा है ।
जयपुर के अलावा पटना, गुवाहाटी, बनारस, कुरुक्षेत्र और कन्याकुमारी में भी ऐसे क्षेत्रीय अकादमी खोले जाएंगे। इसके अलावा देश भर में छह अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी इन्कुबेशन केंद्र (एस-टीआइसी) भी खोले जाएंगे, जहां अंतरिक्ष कार्यक्रमों के लिए उत्पाद तैयार होगा।
इन्कुबेशन केंद्रों की स्थापना निजी क्षेत्र के सहयोग से की जाएगी, लेकिन अंतरिक्ष अकादमी इसरो का अपना केंद्र होगा, जिसमें निजी क्षेत्र शामिल नहीं होंगे। पहले इन्कुबेशन केंद्र की स्थापना त्रिपुरा की राजधानी अगरतला में की गई है। अगरतला के अलावा ऐसे 5 और केंद्र जालंधर, नागपुर, इंदौर, भुवनेश्वर और त्रिची में स्थापित किए जाएंगे। उन्होंने बताया कि देश के छह विश्वविद्यालयों में इसरो के शीर्ष वैज्ञानिकों के नाम पर पीठ स्थापित जा रही है। पहली पीठ का नामकरण प्रोफेसर सतीश धवन के नाम पर किया गया है। अन्नामलई विश्वविद्यालय में डॉ श्रीनिवासन पीठ स्थापित होगा। जिन वैज्ञानिकों ने देश के विकास में अतुलनीय योगदान दिया है, उनके नाम पर ऐसे पीठ स्थापित किए जाएंगे।
।।शिव।।
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