#32
अखंड हिंदुस्थान बनें....
छुपे भेड़िए निकल पड़े जब अपनी मांद से
शेर क्यों बंधे है अब भी अपने हिंदुस्थान में।
बहुत उड़ाये कबूतर हमने बीते 70 साल में
बस इस बार मुक्त कर दो सेना को गांधी वाले गाल से।।
उजड़ गयी मांगे कितनी इन भेड़ियों की चाल से
कुछ कुत्ते छुपे है अब भी भारतीयों की खाल में।
पूछ रही माँ,बेटी, बहन अब एक ही सवाल सरकार से
खोया लाल,उठा साया,राखी भी छीनी शैतान ने।।
कब छीनोगे बोलो अमन चैन पाकिस्तान से
बदला लो,बदल दो नक्शा अब जहान में।
भाई बोला,बेटा बोला अब भी सीना तानकर
करो सरकार कुछ अब,हम भी न्योछावर कर दे जान हिंदुस्थान पर।।
धारा 370 ने जख्म दिए है अनगिनत अब देखो जी
हम बसेंगे काश्मीर में दे हथियार अब हमें भेजो जी।
अब निंदा,चुनोती से काम ना होगा
दे दो छूट अब नक्शे पर पाकिस्तान ना होगा।।
युद्ध भयंकर होता है यह हम सबने जाना है
पर शांति शांति से कब दुश्मन माना है।
लिये कटोरा भीख का जो दर दर डोल रहा
बेशर्म,नाक कटवा कर भी काश्मीर-काश्मीर बोल रहा।।
इधर देख लहू वीरों का शिव का आसन डगमग डगमग डोल रहा
विध्वंस शिव का अब तांडव वाला डमडम डमरू बोल रहा।
काली ले कर में खप्पर अब अरि रक्त पीयेगी
सत्ता भूल मोदी अब युद्ध कर दुनियां याद करेगी।।
सेना को आदेश करो,सेना अब कूच करें
दिखे दुश्मन सीधा सा जो छुपकर हम पर घात करें।
पलक झपके बस इतने में ही जहन्नुम को प्रस्थान करें
छोड़ो मोमबत्ती,शोक-विलाप अब भारत माँ हुंकार भरे।।
जन मन की इच्छा वाला अब अखंड हिंदुस्थान बनें
जिन्ना का जहन्नुम मिटे,सावरकर के सपनों का हिंदुस्थान बनें।।
।।शिव।।
अखंड हिंदुस्थान बनें....
छुपे भेड़िए निकल पड़े जब अपनी मांद से
शेर क्यों बंधे है अब भी अपने हिंदुस्थान में।
बहुत उड़ाये कबूतर हमने बीते 70 साल में
बस इस बार मुक्त कर दो सेना को गांधी वाले गाल से।।
उजड़ गयी मांगे कितनी इन भेड़ियों की चाल से
कुछ कुत्ते छुपे है अब भी भारतीयों की खाल में।
पूछ रही माँ,बेटी, बहन अब एक ही सवाल सरकार से
खोया लाल,उठा साया,राखी भी छीनी शैतान ने।।
कब छीनोगे बोलो अमन चैन पाकिस्तान से
बदला लो,बदल दो नक्शा अब जहान में।
भाई बोला,बेटा बोला अब भी सीना तानकर
करो सरकार कुछ अब,हम भी न्योछावर कर दे जान हिंदुस्थान पर।।
धारा 370 ने जख्म दिए है अनगिनत अब देखो जी
हम बसेंगे काश्मीर में दे हथियार अब हमें भेजो जी।
अब निंदा,चुनोती से काम ना होगा
दे दो छूट अब नक्शे पर पाकिस्तान ना होगा।।
युद्ध भयंकर होता है यह हम सबने जाना है
पर शांति शांति से कब दुश्मन माना है।
लिये कटोरा भीख का जो दर दर डोल रहा
बेशर्म,नाक कटवा कर भी काश्मीर-काश्मीर बोल रहा।।
इधर देख लहू वीरों का शिव का आसन डगमग डगमग डोल रहा
विध्वंस शिव का अब तांडव वाला डमडम डमरू बोल रहा।
काली ले कर में खप्पर अब अरि रक्त पीयेगी
सत्ता भूल मोदी अब युद्ध कर दुनियां याद करेगी।।
सेना को आदेश करो,सेना अब कूच करें
दिखे दुश्मन सीधा सा जो छुपकर हम पर घात करें।
पलक झपके बस इतने में ही जहन्नुम को प्रस्थान करें
छोड़ो मोमबत्ती,शोक-विलाप अब भारत माँ हुंकार भरे।।
जन मन की इच्छा वाला अब अखंड हिंदुस्थान बनें
जिन्ना का जहन्नुम मिटे,सावरकर के सपनों का हिंदुस्थान बनें।।
।।शिव।।
Comments
वन्दे मातरम्
सही वकत है अब
वंदे मातरम।।