सावधान....ये अभिनंदन के लिए विलाप करने वाले असल में उस एजेंडे के लिए काम कर रहे है जो पाक चाहता है।
कोई जानते हुए, तो कुछ अनजाने पाक के एजेंडे और उसके प्रोपेगण्डा को सेट करने में लगे है।
युद्ध होता है तो कार्यवाही दोनों ओर से होती है,देश के सैनिकों का नैतिक साहस देश के जन की भावनाओं से जुड़ा होता है......
जब देश का जन मन दिग्भ्रमित होता है,कमजोर होता है तो सेना का नैतिक बल भी कमजोर हो जाता है,यह हम सबको ध्यान देने की आवश्यकता है।
उरी के बाद जब सर्जिकल स्ट्राइक की थी भारत ने तो पाकिस्तान ने कहा कुछ नहीं हुआ तो भारत के आस्तीन के सांपों ने यह कहकर डंक मारने शुरू किए कि ....क्या सबूत है...?
समझिए, वे उसी भाषा में पूछ रहे थे जो पाक चाहता था,भारत की सेना में,और सरकार में अविश्वास।
पुलवामा में 40 जवानों की सहादत पर मोदी के 56'नापने को इंचीटेप लेकर खड़े हुए लोग फिर विलाप करने लगे....सवाल हुए कहाँ गया 56'....
पुलवामा का बदला लेने के लिए सेना को खुली छूट मिली और कार्यवाही हुई तो 300 आतंकी मारे गये.... पाक ने कहा भारतीय सैनिक सीमा में घुसे तो सर्जिकल स्ट्राइक के सबूत मांगने वाले इस बार चुप हो गये, यानी फिर पाक की हाँ में हाँ....
एक दिन बाद पाक ने कहा भारतीय पायलट हमारे कब्जे में और सोशल मीडिया,मीडिया ने वही कहना,दिखाना शुरू कर दिया....
वही एजेंडा जो कंधार विमान अपहरण में अपनाया था....भारत के भोले और भावुक लोग आ गए टुकड़े-टुकड़े गैंग के बहकावे में।
अवार्ड वापसी वाले बिलों से निकले, अभिनंदन के शौर्य और बहादुरी पर जो मौन थे अब सलामती के लिए मोमबत्तियां जुटाने लगे है....
याद है ना कंधार.....विमान का अपहरण कर ले गए थे आतंकी....पाकिस्तान के इशारे पर .....फिर खेल शुरू हुआ सरकार पर दबाब बनाने का,रोते परिजनों के चेहरे टीवी की स्क्रीन पर दिखाई देने लगे,कथित रिश्तेदार सड़क पर दहाड़े मार कर रोने लगे....
सरकार पर मानवीय दबाब,विपक्ष का वो ही रोल जो आज है,सरकार जो भी हो यात्रियों को बचाये.....अटलजी जैसा आक्रामक राष्ट्रवादी,जसवंतसिंह जी जैसा सैन्य अधिकारी, जॉर्ज फर्नाडीस जैसे कर्तव्यनिष्ठ राजनेता उस मानवीय विलाप के सामने झुक गए और उनको छोड़ना पड़ा जो पिछले 20 सालों में लगभग 10000 भारतीयों की हत्या के लिए जिम्मेदार है।
आज फिर अपने ही घर में घेर लिया गया पाकिस्तान कराह उठा,आज तक अर्थियों का बोझ भारत उठा रहा था,अब पाकिस्तान में जनाजे उठ रहे है।मस्जिदों से अजान तक बन्द करने को मजबूर है,बातचीत की गुहार लगा रहा है क्योंकि युद्ध हुआ तो वह छह दिन में कंगाल हो जाएगा...दर दर भीख का कटोरा लिए घूमने वाला पाक अंतिम सांस गिन रहा है,उसे सहारे की जरूरत है किसी तरह भारत बात करें ताकि युद्ध ना हो....
जबाबी कार्यवाही में भारत का पुराना विमान क्रेश हो गया और एक पायलट उनके क्षेत्र में उतर गया तो उसे लगा मौका है,अपना एजेंडा थोपने का....
उसका इशारा मिलते ही टुकड़े-टुकड़े,अवार्ड वापसी और असहिष्णुता गैंग हो गयी सक्रिय.....गुहार एक, अभिमन्यु लाओ,युद्ध नहीं शांति चाहिए....
ध्यान से देखिये, उन्हें जो आज जलती मोमबत्ती की लौ में भारत की शौर्य और पराक्रम भरी गाथा को जला देना चाहते है......
वे अभिनंदन सिंह के लिए नहीं क्योंकि बल्कि अपने आका को बचाने की गुहार कर रहे है।
बिना युद्ध ही हम पिछले तीन दशकों में 70000 भारतीयों को पाकिस्तान की सरपरस्ती में पलते आतंक की भेंट चढ़ा चुके।
आज अभिमन्यु को पकड़ कर सार्वजनिक कर रहा है पर याद करिये हमारे सैनिकों को किस बेरहमी और कायरता से अंग भंग कर दिया था,क्या उनकी पहले ऐसे ही फ़ोटो जारी हुई थी..?
भारत के साथ आपका माँ-बेटा/बेटी का रिश्ता है तो किसी वर्दी,बैज,पद की जरूरत नहीं देश रक्षा के लिए....बस!आंखें खुली रखिये.....दिमाग चौकन्ना रखिये.....कानों को आहट,पदचाप तक सुनने की आदत डालिये।
विश्वास रखिये,देश में,सेना में सरकार में।
देश आपका है,स्वाभिमान और गौरवशाली इतिहास,मजबूत इरादों वाला नेतृत्व, हुंकार भरते वीर जवान......
भारत माता की जय...
।।शिव।।
कोई जानते हुए, तो कुछ अनजाने पाक के एजेंडे और उसके प्रोपेगण्डा को सेट करने में लगे है।
युद्ध होता है तो कार्यवाही दोनों ओर से होती है,देश के सैनिकों का नैतिक साहस देश के जन की भावनाओं से जुड़ा होता है......
जब देश का जन मन दिग्भ्रमित होता है,कमजोर होता है तो सेना का नैतिक बल भी कमजोर हो जाता है,यह हम सबको ध्यान देने की आवश्यकता है।
उरी के बाद जब सर्जिकल स्ट्राइक की थी भारत ने तो पाकिस्तान ने कहा कुछ नहीं हुआ तो भारत के आस्तीन के सांपों ने यह कहकर डंक मारने शुरू किए कि ....क्या सबूत है...?
समझिए, वे उसी भाषा में पूछ रहे थे जो पाक चाहता था,भारत की सेना में,और सरकार में अविश्वास।
पुलवामा में 40 जवानों की सहादत पर मोदी के 56'नापने को इंचीटेप लेकर खड़े हुए लोग फिर विलाप करने लगे....सवाल हुए कहाँ गया 56'....
पुलवामा का बदला लेने के लिए सेना को खुली छूट मिली और कार्यवाही हुई तो 300 आतंकी मारे गये.... पाक ने कहा भारतीय सैनिक सीमा में घुसे तो सर्जिकल स्ट्राइक के सबूत मांगने वाले इस बार चुप हो गये, यानी फिर पाक की हाँ में हाँ....
एक दिन बाद पाक ने कहा भारतीय पायलट हमारे कब्जे में और सोशल मीडिया,मीडिया ने वही कहना,दिखाना शुरू कर दिया....
वही एजेंडा जो कंधार विमान अपहरण में अपनाया था....भारत के भोले और भावुक लोग आ गए टुकड़े-टुकड़े गैंग के बहकावे में।
अवार्ड वापसी वाले बिलों से निकले, अभिनंदन के शौर्य और बहादुरी पर जो मौन थे अब सलामती के लिए मोमबत्तियां जुटाने लगे है....
याद है ना कंधार.....विमान का अपहरण कर ले गए थे आतंकी....पाकिस्तान के इशारे पर .....फिर खेल शुरू हुआ सरकार पर दबाब बनाने का,रोते परिजनों के चेहरे टीवी की स्क्रीन पर दिखाई देने लगे,कथित रिश्तेदार सड़क पर दहाड़े मार कर रोने लगे....
सरकार पर मानवीय दबाब,विपक्ष का वो ही रोल जो आज है,सरकार जो भी हो यात्रियों को बचाये.....अटलजी जैसा आक्रामक राष्ट्रवादी,जसवंतसिंह जी जैसा सैन्य अधिकारी, जॉर्ज फर्नाडीस जैसे कर्तव्यनिष्ठ राजनेता उस मानवीय विलाप के सामने झुक गए और उनको छोड़ना पड़ा जो पिछले 20 सालों में लगभग 10000 भारतीयों की हत्या के लिए जिम्मेदार है।
आज फिर अपने ही घर में घेर लिया गया पाकिस्तान कराह उठा,आज तक अर्थियों का बोझ भारत उठा रहा था,अब पाकिस्तान में जनाजे उठ रहे है।मस्जिदों से अजान तक बन्द करने को मजबूर है,बातचीत की गुहार लगा रहा है क्योंकि युद्ध हुआ तो वह छह दिन में कंगाल हो जाएगा...दर दर भीख का कटोरा लिए घूमने वाला पाक अंतिम सांस गिन रहा है,उसे सहारे की जरूरत है किसी तरह भारत बात करें ताकि युद्ध ना हो....
जबाबी कार्यवाही में भारत का पुराना विमान क्रेश हो गया और एक पायलट उनके क्षेत्र में उतर गया तो उसे लगा मौका है,अपना एजेंडा थोपने का....
उसका इशारा मिलते ही टुकड़े-टुकड़े,अवार्ड वापसी और असहिष्णुता गैंग हो गयी सक्रिय.....गुहार एक, अभिमन्यु लाओ,युद्ध नहीं शांति चाहिए....
ध्यान से देखिये, उन्हें जो आज जलती मोमबत्ती की लौ में भारत की शौर्य और पराक्रम भरी गाथा को जला देना चाहते है......
वे अभिनंदन सिंह के लिए नहीं क्योंकि बल्कि अपने आका को बचाने की गुहार कर रहे है।
बिना युद्ध ही हम पिछले तीन दशकों में 70000 भारतीयों को पाकिस्तान की सरपरस्ती में पलते आतंक की भेंट चढ़ा चुके।
आज अभिमन्यु को पकड़ कर सार्वजनिक कर रहा है पर याद करिये हमारे सैनिकों को किस बेरहमी और कायरता से अंग भंग कर दिया था,क्या उनकी पहले ऐसे ही फ़ोटो जारी हुई थी..?
भारत के साथ आपका माँ-बेटा/बेटी का रिश्ता है तो किसी वर्दी,बैज,पद की जरूरत नहीं देश रक्षा के लिए....बस!आंखें खुली रखिये.....दिमाग चौकन्ना रखिये.....कानों को आहट,पदचाप तक सुनने की आदत डालिये।
विश्वास रखिये,देश में,सेना में सरकार में।
देश आपका है,स्वाभिमान और गौरवशाली इतिहास,मजबूत इरादों वाला नेतृत्व, हुंकार भरते वीर जवान......
भारत माता की जय...
।।शिव।।
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