
सुनो,नेताओं ..... कुछ सीख सकते हो तो सीखो....स्मृति जी से। कार्यकर्ता भाव नेतृत्व का....तभी अहंकार झुका पाई,विनम्रता से इतिहास रच पाई..... एक ज्योतिरादित्य सिंधिया जी है जिनको सेल्फी नहीं खींचने से नाराज़ हुए कार्यकर्ता ने सबक सीखा दिया,उनको उनके ही गढ़ में हरा दिया। तुम कांग्रेस से हो या भाजपा से इससे कोई फर्क नहीं पड़ता,बस फर्क पड़ता है तुम्हारे व्यवहार से। वोट के लिए गली गली,घर घर चक्कर लगाने वाला,पार्टी के नाम पर लड़ने वाला, अपने व्यक्तिगत रिश्ते खराब करने वाला कार्यकर्ता जब चुनाव के बाद मिलता है तब तुम्हें फुर्सत नहीं मिलती। राजनीति से परे जाकर आज स्मृतिजी का हर उस राजनैतिक कार्यकर्ता को अभिनंदन करना चाहिए जो कार्यकर्ता भाव से अपने दल में काम करता है। सुनो,नेताजी वोट तुम्हारे भाषणों और रणनीति से नहीं मिलते वे बस माहौल बना सकते है,तुम्हारी रणनीति को धरातल पर लाने वाला सैनिक है कार्यकर्ता। सेना में सैनिक नहीं लड़ेंगे तो क्या सेना जीतेगी...? नेता वो नहीं जो चुनाव जीतता है,वह है जो दिल जीतता है....नेताजी सुभाष,महात्मा गाँधीजी,जेपी,कर्पूरी ठाकुर,अटलजी,आडवाणीजी, मोदीजी जैसे वि...