नवरात्र विचार.... शक्ति का आराधक देश क्यों होता रहा आहत
नवरात्रि विचार १ शक्ति की उपासना क्यों ? हमारे पुरखों ने शक्ति पूजा का विशेष विधान किया है । वर्ष में दो नवरात्रि चैत्र नवरात्र और शारदीय नवरात्र के अलावा दो गुप्त नवरात्रा भी होते हैं ।मेरा मानना है कि उस समय की काल परिस्थितियों के अनुसार भी और आज भी शक्ति की पूजा, शक्ति की उपासना जरूरी है । स्वयं के आत्म सम्मान,अपनी परंपरा, संस्कार,संस्कृति की रक्षा और राष्ट्रीय अस्मिता के लिए। मेरा मानना है कि हमारे पूर्वजों ने इसी हेतु से शक्ति उपासना का विधान किया कि हम अपनी शक्ति और सामर्थ्य की विवेचना और आत्मा अवलोकन कर सकें। शक्ति सामर्थ्य के लिए ऐसे पर्वों की रचना की होगी जब समाज अपने सामर्थ्य का, अपनी शक्ति का व्यक्तिगत और सामूहिक रूप से चिंतन करता होगा, आत्मावलोकन करता होगा और उसके पश्चात शक्ति अर्जित करने के लिए गुप्त नवरात्रों के दौरान अपने सामर्थ्य को बढ़ाने का प्रयास करता होगा। मुझे नहीं लगता कि आज की तरह केवल डांडिया नृत्य या डीजे पर डांस करके शक्ति की आराधना का कोई पर्व मनाया जाता होगा। अब तो व्यवसाय के नाम पर हमारे शक्ति की आराधना पर्व किस स्तर पर आ गया,इसकी एक बानगी न...