
गुनगुनाइये...गाइये....राम का गुणगान.... क्योंकि राम है सत्य,सनातन.....नहीं है कोई चपटी धरती सा झूठ... राम सिर्फ एक नाम नहीं हैं....श्रीराम हिन्दुस्तान की सांस्कृतिक विरासत हैं.... राम हिन्दुओं की एकता और अखंडता के प्रतीक हैं....श्री राम सनातन धर्म की पहचान है........ लेकिन आज कुछ विधर्मी उनके बारे में सवाल उठाते है.....कल राम नवमी पर बहुत सारे ऐसे नराधम लोग थे जो ऐसे सवाल उठा रहे थे... सवाल उठाने वाले वो लोग है जो धरती चपटी है कहने वालों पर मौन रहते है....ना ही इस पर कुछ बोलेंगे कि एक नाव पर दुनिया की सारी एक एक चीज रख ली, जब तबाही हुई......जो है वो सारा उसी नाव की देन है.....कहने वालों से कुछ पूछने पर उनके मुंह में दही जम जाता है..... अपनी ही सांस्कृतिक विरासत पर सवाल उठाते मूर्ख केवल भारत में ही मिलते है.....क्योंकि देश के पहले शिक्षा मंत्री का इस देश की जड़ों से ना लेना देना नहीं था। वे जो राम के अस्तित्व का प्रमाण मांगते हैं ...वे क्या जाने राम सिर्फ दो अक्षर का नाम नहीं, राम तो प्रत्येक प्राणी में रमा हुआ है, राम चेतना और सजीवता का प्रमाण है। अगर राम नहीं तो जीवन मरा ह...