बहू नहीं बेटी है....
"अब कैसे करेगी तू..?तुम्हें मम्मी पापा ने कितनी बार समझाया था कि अपनी सास-ननद के साथ बुरा व्यवहार मत किया करो, अब वे ही तुम्हारी माँ-बहन है। तुम जितना अच्छा व्यवहार करोगी उतनी ही शांति घर में रहेगी और जीवन में सुख मिलेगा। तुम किसी की कब सुनती हो जो अब सुनते।
छोटी-छोटी बातों में सास को जनरेशन गैप होने का एहसास करवाना, कभी उसके कम पढ़े-लिखे पर टिप्पणी करना... तो कभी कुछ नहीं जानने पर गवार कहकर हंसी उड़ाना ....कभी किट्टी पर अपनी सहेलियों को बुलाकर को नीचा दिखाने की हर संभव कोशिश करना।
तुमने तो यहां तक गिरी हरकत की जब उन्होंने आंखों के मोतियाबिंद का ऑपरेशन करवाया तो तुम एक महीने के लिए मम्मी के पास आ गयी,जीजू के मना करने के बावजूद।
कल से देख रही हूं तुम्हारी सास औऱ ननद तेरी सेवा के लिए एक पांव पर खड़ी है....अब तुम्हारी सेवा कौन करेगा,जबकि डॉक्टर कह रहे है तुम 6 महीने तक बेड रेस्ट करोगी....माँ से भी बात हुई वो भी चिंतित है,भाभी के भी बच्चा होने वाला है तो तुम्हें ले जा नहीं सकते....
हम सब दुःखी है यह सोचकर की तेरी सेवा करेगा कौन....? बड़ी बहन श्वेता ने सीमा से कहते हुए इधर उधर नजर दौड़ाई ताकि यह निश्चित कर ले कि उसकी बात कोई नहीं सुन ले....
पर वो चूक गयी थी, सासु हाथ में दूध का गिलास लिए कमरे में आ गयी जिसका श्वेता को ध्यान ही नहीं रहा।
सासु ने कहा- गलती छोटे कर सकते है,बड़ों को हक़ थोड़े ही होता है श्वेता.... ये तो मेरे लिए कल भी प्रिया की तरह थी और आज भी...मेरी बहू नहीं बेटी है ये....
सीमा की आंख से आँसू झर रहे थे,औऱ सास के हाथ उसके सिर पर दुलार कर रहे थे....
।।शिव।।
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वर्तमान परिस्थितियां ऐसी नहीं है और है तो वे अपवाद मानी जायेगी,तो क्या यह आशा छोड़ दें कि हमारे संस्कारों की सुरभि फिर से महकेगी।