कंकाल
आजकल गोमती भुआ कहाँ गई...? भुआ की कोठी के सामने खड़े गाय-भैंस के झुंड को सावधानी से पार करते हुए रोशनी ने सलोनी से पूछा।
सलोनी से पहले जबाब दिया सुनीता चाची ने-"स्वाति के कारण मुँह दिखाने लायक नहीं रही तो एक दिन पता नहीं कहाँ चली गयी,तब से कोठी खाली है और ढोर इसकी छांव में सुस्ता लेते है।"
चाची ने बात आगे बढ़ाई,जानती हो रोशनी बिटिया उस कलमुँही ने पड़ोस वाले गांव के जो जुम्मन मियां है उसके बेटे से भागकर निकाह कर लिया,तब से अब तक उसकी शक्ल किसी ने नहीं देखी।
गांव के एक दो छोरे जो उसके आगे पीछे घूमते थे उन्होंने भी उसके दीदार की कोशिश की पर उसे देख नहीं पाये।
सब लोग कहते है कि उन लोगों के बुर्का होता है,इसलिए कोई देख नहीं पाता।
साथ चल रही सलोनी ने अपनी चुप्पी तोड़ते हुए एक सवाल दागा-पर्दा,घूंघट तो हमारे ही रखते थे पर आजकल देखो हम सब कैसे आजाद है,पर अब भी बुर्के से बाहर क्यों नहीं आई...?
इसका जबाब दोनों के पास ही नहीं था तो बात बन्द हो गयी।
रोशनी पांच साल बाद अपने घर आई थी। बचपन में देखी स्वाति का चेहरा उसकी आँखों के सामने घूमने लगा।
मासूम सी हंसी के बीच उसकी बड़ी कजरारी आंखों में भुआ का डाला काजल.....हर बात पर मुस्कुराती स्वाति..…
भोली भाली स्वाति की छोटी उम्र में भाग कर निकाह करने और उसके कारण हंसमुख,जिंदादिल भुआ का गायब हो जाना उसे अखरने लगा।
उसने माँ से इस बारे में पूछा तो माँ ने बताया-लाली,देखने में कितनी भोली थी स्वाति,भुआ भी जान छिड़कती थी उस पर....कम उम्र में पति के जाने के बाद स्वाति के लिए दूसरी शादी नहीं की,जबकि सब कहते रहे। अपने माँ -बाप की इकलौती बेटी थी,भुआ,इसलिए वह पीहर आ गयी औऱ यहीं की होकर रह गयी.....जब स्वाति ने भाग कर निकाह किया तो दुःखी पहले से ही थी कि 15 दिन बाद ही जुम्मन मियां एक दिन पुलिस के साथ आ धमका।
गोमती तो उस दिन टूट ही गई जब जुम्मन मियां औऱ उसके साथ आये लोगों ने पुलिस के सामने भुआ पर ही बेटी को भगा देने का आरोप लगाया,सब गांव वालों के सामने पुलिस ने घर की तलाशी ली।
पुलिस और जुम्मन मियां तो चले गए पर भुआ की आंखों में आंसुओं का सैलाब उमड़ पड़ा.....उसके बाद किसी ने उन्हें नहीं देखा।
स्वाति का भाग कर निकाह करना,फिर लापता होना और उसके बाद भुआ का यू गायब हो जाना रोशनी के मन को बेचैन करने लगा।
दिसम्बर का महीना था और बाहर ठंडी लहर का कहर चल रहा था,सब लोग घरों में दुबके थे,क्योंकि शाम धुंधलाने लगी थी,सभी लोग दुबके पड़े थे रजाइयों में।
तभी बाहर पुलिस की गाड़ी के सायरन के साथ भीड़ की आवाज़ सुन सब उठ खड़े हुए।
भाई भीड़ से निकल कर आता दिखा तो रोशनी ने उसे अपने पास बुलाकर पूछा -क्यों क्या हुआ है....?पुलिस किसके आई है...?क्यों आई..?
इतने सारे सवाल सुन भाई ने कहा-अरे, रुक तो जा रोशनी,तू तो शहर में रही है फिर ऐसे क्यों कर रही है?
पुलिस गोमती भुआ के घर आई है,पर घर पर कोई नहीं है।
रोशनी ने पूछा-क्या स्वाति मिल गयी क्या..?
तो भाई ने कहा उसे सुनकर रोशनी की चीख निकलते निकलते बची पर आंखें भर आईं।
उसने बताया कि स्वाति के ससुराल में घर को फिर से बना रहे थे तो फर्श तोड़ा तो उसमें हड्डियां निकली है किसी महिला की.....
।।शिव।।
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