रात्रि में करते है जहां भोले बाबा विश्राम -ओंकारेश्वर धाम
जहां रात्रि विश्राम करते है भोलेनाथ, वो ही है ओंकारेश्वर पावन धाम।
बाबा भोलेनाथ के ज्योतिर्लिंगों में से चौथा ज्योतिर्लिंग है ओंकारेश्वर जो मध्य प्रदेश के खंडवा जिले में ॐ के आकार में बने मांधाता द्वीप पर स्थित है।
यहां पर भगवान शिव नर्मदा नदी के किनारे ॐ के आकार वाले पहाड़ पर विराजमान हैं।
यहां मान्यता है कि भगवान भोलेनाथ तीनों लोक का भ्रमण करके प्रतिदिन इसी मंदिर में रात को सोने के लिए आते हैं।
यहां सभी देवों के संग विराजते हैं भगवान शिव।
ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग मध्य प्रदेश के इंदौर शहर से लगभग 78 किमी की दूरी पर नर्मदा नदी के किनारे स्थित है।यह एकमात्र मंदिर है जो नर्मदा नदी के उत्तर में स्थित है। यहां पर भगवान शिव नदी के दोनो तट पर स्थित हैं। महादेव को यहां पर ममलेश्वर व अमलेश्वर के रूप में पूजा जाता है।
ओंकारेश्वर मंदिर के बारे में मान्यता है कि यहां पर दर्शन एवं पूजन करने पर व्यक्ति के सारे पाप दूर हो जाते हैं.
महादेव के मंदिर का बड़ा रहस्य
उज्जैन स्थिति महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग की भस्म आरती की तरह ओंकारेश्वर मंदिर की शयन आरती विश्व प्रसिद्ध है। हालांंकि ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर में भगवान शिव की सुबह मध्य और शाम को तीन प्रहरों की आरती होती है। मान्यता है कि रात्रि के समय भगवान शिव यहां पर प्रतिदिन सोने के लिए लिए आते हैं।
मान्यता यह भी है कि इस मंदिर में महादेव माता पार्वती के साथ चौसर खेलते हैं. यही कारण है कि रात्रि के समय यहां पर चौपड़ बिछाई जाती है और आश्चर्यजनक तरीके से जिस मंदिर के भीतर रात के समय परिंदा भी पर नहीं मार पाता है, उसमें सुबह चौसर और उसके पासे कुछ इस तरह से बिखरे मिलते हैंं,जैसे रात्रि के समय उसे किसी ने खेला हो।
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