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Showing posts from March, 2025

माता जानकी का हनुमान जी को आशीर्वाद

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क्या है माता जानकी के आशीर्वाद का अर्थ? शक्ति उपासना का पर्व हो और बात हनुमान जी की नहीं हो तो फिर शक्ति की उपासना का पर्व अधूरा सा लगता है, क्योंकि बाबा हनुमंत लालजी  और शक्ति एक दूसरे के पूरक से लगते हैं । जब हम श्री हनुमान चालीसा का पाठ करते हैं, उसमें आता है -  अष्ट सिद्धि नौ निधि के दाता  अस वर दीन जानकी माता  अर्थात माता जानकी ने बाबा हनुमंत लाल जी को अष्ट सिद्धि और नौ निधि का दाता बना दिया।  इसका यह मतलब भी  स्पष्ट है कि बाबा हनुमंत लाल जी अष्ट सिद्धि और नौ निधि देने के लिए अधिकृत हैं,उससे पहले उनके पास यह सिद्धियां और निधियां थी पर दे नहीं सकते थे पर जब माता जानकी ने उनका आशीर्वाद दे दिया, यह वरदान दे दिया तो फिर इसे देने के अधिकारी हो गए । क्या हमने कभी विचार किया है कि यह अष्ट सिद्धियां क्या है ? और नौ निधियाँ क्या है? आईए,जानते हैं अष्ट सिद्धि और नौ निधि के बारे में। अष्ट सिद्धि -  1.अणिमा, 2.महिमा, 3.गरिमा, 4.लघिमा, 5.प्राप्ति, 6.प्राकाम्, 7.ईशित्व, 8.वशित्व। नौ निधि   1.पद्म निधि, 2.महापद्म निधि, 3.नील निधि, 4.मुकुंद निधि, 5.नंद निधि...

भारत को इंडिया कहने की विवशता क्यों ?

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हाल ही के दिनों में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरकार्यवाह दत्तात्रेय  हौसबोले ने कहा कि "भारत का अंग्रेजी नाम इंडिया नहीं बल्कि 'भारत' कहा जाना चाहिए। यह कांस्टीट्यूशन ऑफ इंडिया' है, 'रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया' है... ऐसा क्यों है? ऐसा सवाल उठना चाहिए। इसे सुधारा जाना चाहिए। अगर देश का नाम भारत है, तो इसे इसी नाम से पुकारा जाना चाहिए। हौसबोले ने कहा कि भारत एक भौगोलिक इकाई या संवैधानिक ढांचे से कहीं अधिक है; यह एक गहन दर्शन और आध्यात्मिक विरासत का प्रतीक है"। उनका कथन और सुझाव समाज और राष्ट्रीय नेतृत्व के समक्ष मार्गदर्शन की तरह है। आखिर हम अंग्रेजों के दिए नाम को ढोने के लिए विवश क्यों हैं? हमारे ऋषि-पूर्वजों ने इस राष्ट्र को एक सांस्कृतिक नाम 'भारत' दिया था, हमारा कर्तव्य है कि हम इसी नाम के साथ स्वयं को जोड़ें। यह कितना बेतुका है कि हम अपने देश का नाम हिन्दी में 'भारत' लिखते हैं और अंग्रेजी में 'इंडिया'। क्या किसी और देश के नाम के साथ हमने ऐसा देखा है? उत्तर है- नहीं। क्योंकि किसी भी भाषा में नाम का अनुवाद नहीं किया जाता है। नाम मौल...