हनुमान चालीसा में छुपे है मैनेजमेंट के गुण

हनुमान जी को उनकी शक्ति, भक्ति, और नेतृत्व के लिए जाना जाता है। हनुमान चालीसा में छिपे प्रबंधन के सूत्र हमें व्यक्तिगत और पेशेवर जीवन में सफलता पाने में मदद कर सकते हैं। 

श्रीगुरु चरन सरोज रज,

 निज मनु मुकुरु सुधारि।


गुरु का सम्मान करें - बड़ों और मेंटर्स का मार्गदर्शन प्रगति के लिए आवश्यक है।

कंचन बरन बिराज सुबेसा, 

कानन कुंडल कुंचित केसा।

व्यवस्थित और अच्छा व्यवहार - पहला इंप्रेशन मायने रखता है; कपड़े और व्यवहार करियर को प्रभावित करते हैं ।

बिद्यावान गुनी अति चातुर, 

राम काज करिबे को आतुर।

डिग्री से परे,कौशल विकसित करें - गुण और बुद्धि सफलता के लिए जरूरी हैं, केवल डिग्रियाँ पर्याप्त नहीं ।

प्रभू चरित सुनिबे को रसिया, 

राम लखन सीता मन बसिया ।

अच्छा श्रोता बनें- नेतृत्व के लिए सुनना जरूरी है; समझने को प्राथमिकता दें। 

सूक्ष्म रुप धरि सियहिं दिखावा, 

बिकट रुप धरि लंक जरावा।

परिस्थिति के अनुसार व्यवहार - स्थिति के अनुसार रूप और व्यवहार बदलें, जैसे छोटा या बड़ा रूप धारण करना।

तुम्हरो मंत्र बिभीषन माना, 

लंकेस्वर भए सब जग जाना।

अच्छा सलाहकार बनें - समय पर सही सलाह देना, जो देने वाले और लेने वाले दोनों को लाभ पहुँचाए। 

प्रभु मुद्रिका मेलि मुख माही, 

जलधि लांघि गए अचरज नाहीं।

आत्मविश्वास बनाए रखें - चुनौतियों का सामना करने के लिए आत्मविश्वास और उच्च शक्ति पर भरोसा करें।

बाबा हनुमंत लाल जी के जन्मोत्सव पर आप बालाजी प्रेमियों को अनंत शुभकामनाएं, बाबो भली करे।

Comments

Sangeeta tak said…
जय श्री राम🙏🚩
Anonymous said…
जय जय श्री राम 🙏
जय जय हनुमान 🙏
Anonymous said…
सुंदर व्याख्या साधुवाद

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