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Showing posts from January, 2020

हकीकत जाननी हो तो वीर हकीकत राय को जानिये...बसंत पंचमी को हुए जो स्वधर्म पर बलिदान...

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बसंत पंचमी केवल मां शारदे की वंदना का उत्सव नहीं बल्कि एक गर्वीले बलिदान की गाथा का दिन भी है ।महज 14 साल के एक वीर बालक ने स्वधर्म की रक्षा के लिए अपने प्राणों  की आहुति दे दी थी। आज हमें असहिष्णु बता कर समानता का पाठ पढ़ाने वाले लोग काश! वीर हकीकत राय की कथा पढ़े होते.... अखंड भारत के सियालकोट में कार्तिक कृष्ण द्वादशी संवत 1728 में लाला भागमल पुरी और माता गौरा देवी की कोख में जन्मे हकीकत राय शुरू से ही पढ़ाई में कुशाग्र थे । उस दौरान व्यवसाय में फारसी भाषा का इस्तेमाल होता था पिता लाला भाग मल ने सोचा की व्यवसाय की तरक्की के लिए फारसी भाषा का ज्ञान जरूरी है इसलिए उन्होंने अपने पुत्र हकीकत राय का मदरसे में दाखिला करवा दिया । जहां वो एकमात्र हिंदू विद्यार्थी थे, बुद्धि कौशल में सब पर भारी पड़ने वाला हकीकत राय जल्द ही पढ़ाने वाले मौलवी का तो प्यारा बन गया पर वहां पढ़ने वाले सारे बच्चों की आंख की किरकिरी बन गया । एक दिन जब हकीकत राय अपने घर में धार्मिक अनुष्ठान कर मदरसे में आए तो माथे पर तिलक लगा रखा था, माथे पर तिलक लगा हुआ देखकर विधर्मियों को अच्छा नहीं लगा और वह टीका-टिप्प...

सरकार को उलाहना दीजिये पर क्या हम भी कुछ करेंगे..? करेंगे तो कब...?

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आज गणतंत्र दिवस है,कुछ विचार करना... आपके बचपन जैसी खुशी,उत्साह, उमंग आपके बच्चों में है इस उत्सव को मनाने को लेकर? पहले घर में 26 जनवरी से 1 दिन पहले 25  जनवरी को पूरा परिवार लग जाता था क्योंकि उसके बच्चे की गणवेश को धोना होता था, उस पर इस्त्री करनी होती थी, इस्त्री घर पर नहीं होती थी तो मांग कर लाते थे नहीं तो किसी लोटे में अंगारे डालकर उस पर इस्त्री किया करते थे... पीटी शूज को धोया जाता था, खराब हो गए जूतों को खड़िया मिट्टी से   चमकाया जाता था... ऐसा ही दृश्य 14 अगस्त को भी होता था... 25 जनवरी को या 14 अगस्त को देशभक्ति के तराने गूंजते थे और अगले दिन 15 अगस्त और 26 जनवरी को शाम तक विभिन्न कार्यक्रमों में हम व्यस्त रहते थे ...क्या हमारे बच्चे इसी तरह व्यस्त रहते हैं ? मुझे कल आश्चर्य हुआ जब मैं एक मेरे मित्र के घर गया, बच्चे बैठे थे तो मैंने उन्हें पूछा बेटा कल तो रिपब्लिक डे है ? तो बच्चे ने कहा अंकल! हमारे यहां तो आज मना लिया गया, कल की तो छुट्टी है वह  बच्चा एक प्रतिष्ठित निजी विद्यालय में पढ़ता था। राष्ट्रीय उत्सव 1 दिन पहले ही मना लिया गया ऐसा ही 15 अगस्त क...

वासुदेव देवनानी-शिक्षा में बदलाव के साथ किया जिन्होंने नवाचार,

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वे राजनेता है क्योंकि 4 बार के विधायक हैं फिर भी वह आज भी पहले एक निष्ठावान स्वयंसेवक हैं ,वे दो बार राजस्थान सरकार के शिक्षा राज्य मंत्री रहे हैं पर आज भी एक आदर्श शिक्षक है,वे सहज है सरल है पर राजनीतिक की चौसर के खेल में  माहिर खिलाड़ी है । कागज के लिफाफे बनाकर और सार्वजनिक लाइट की रोशनी में पढ़कर अपने जीवन में संघ के संस्कार लाने वाले वासुदेव देवनानी का आज जन्मदिन है जो चौथी बार अजमेर उत्तर से विधायक हैं । आज के दिन ही भावन दास जी और सखी देवी के घर जन्मे वासुदेव देवनानी शिक्षा में आमूलचूल परिवर्तन के लिए हमेशा राजस्थान में याद किए जाते रहेंगे। शिक्षकों के पदस्थापन में पारदर्शिता लाने के लिए काउंसलिंग पद्धति अपनाकर और सारे विभाग का कंप्यूटराइजेशन कर आपने शिक्षा क्षेत्र में जो नवाचार के कदम उठाए पर निसंदेह आने वाले समय में क्रांतिकारी बदलाव लाने वाले होंगे । शिक्षा को रोजगारों उन्मुखी बनाने के लिए आपने अपने पहले कार्यकाल में प्रत्येक पंचायत समिति में आईटीआई,प्रत्येक जिले में पॉलिटेक्निक कॉलेज, इंजीनियरिंग कॉलेज जैसे विचार के साथ बड़ा बदलाव किया था । उसी प्रकार आपने अपने द...

सीएए के विरोध को समझिए मुगालते में मत रहिए

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सीएबी का विरोध हो या फिर एनआरसी अथवा एनपीआर अथवा अब जो बन चुके सीएए का विरोध हो.... विरोध करने वाले लोगों के चेहरों को पहचानना जरूरी है.... विरोध का कारण क्या है इसको भी समझना जरूरी है.....CAB (सिटीजनशिप अमेंडमेंट बिल) जब सदन में प्रस्तुत हुआ तब बिना मतलब के कुछ सवाल खड़े किए गए और एक एक सवाल का भारत के गृह मंत्री ने जवाब दिया, यह कहते हुए कि देश के एक भी नागरिक की नागरिकता पर सवाल खड़े नहीं हो रहे हैं यह बिल नागरिकता देने का है नागरिकता छीनने का नहीं है।  उसके बावजूद प्रोपेगंडा राजनीति के तहत देशभर में एक भ्रम का माहौल बनाया गया पर 4 दिन मौन रहने वाले लोग यकायक उग्र हो गए ...क्योंकि देश की सबसे  पुरानी पार्टी के कार्यक्रम में पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीमती सोनिया गांधी, पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी, और उनकी बहन प्रियंका वाड्रा ने बार-बार घरों से बाहर निकल कर उसका विरोध करने का आह्वान किया । दिल्ली के आम आदमी पार्टी के विधायक ने कथित शांतिप्रिय समुदाय के बीच में जाकर कहा कि यह बिल तो शुरुआत है बुर्के पर रोक लगेगी,दाढ़ी पर रोक लगेगी, टोपी पर रोक लगेगी, इसलिए घरो...