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Showing posts from April, 2025

हनुमान चालीसा में छुपे है मैनेजमेंट के गुण

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हनुमान जी को उनकी शक्ति, भक्ति, और नेतृत्व के लिए जाना जाता है। हनुमान चालीसा में छिपे प्रबंधन के सूत्र हमें व्यक्तिगत और पेशेवर जीवन में सफलता पाने में मदद कर सकते हैं।  श्रीगुरु चरन सरोज रज,  निज मनु मुकुरु सुधारि। गुरु का सम्मान करें - बड़ों और मेंटर्स का मार्गदर्शन प्रगति के लिए आवश्यक है। कंचन बरन बिराज सुबेसा,  कानन कुंडल कुंचित केसा। व्यवस्थित और अच्छा व्यवहार - पहला इंप्रेशन मायने रखता है; कपड़े और व्यवहार करियर को प्रभावित करते हैं । बिद्यावान गुनी अति चातुर,  राम काज करिबे को आतुर। डिग्री से परे,कौशल विकसित करें - गुण और बुद्धि सफलता के लिए जरूरी हैं, केवल डिग्रियाँ पर्याप्त नहीं । प्रभू चरित सुनिबे को रसिया,  राम लखन सीता मन बसिया । अच्छा श्रोता बनें - नेतृत्व के लिए सुनना जरूरी है; समझने को प्राथमिकता दें।  सूक्ष्म रुप धरि सियहिं दिखावा,  बिकट रुप धरि लंक जरावा। परिस्थिति के अनुसार व्यवहार - स्थिति के अनुसार रूप और व्यवहार बदलें, जैसे छोटा या बड़ा रूप धारण करना। तुम्हरो मंत्र बिभीषन माना,  लंकेस्वर भए सब जग जाना। अच्छा सलाहकार बनें...

अब भारत नहीं बनेगा घुसपैठियों की धर्मशाला

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भारत में वर्षों से विदेशी घुसपैठियों को रोकने के लिए प्रभावी कानून बनाने की मांग की जाती रही है, बढ़ती घुसपैठ के कारण कईं प्रदेशों में जनसंख्या असंतुलन स्पष्ट दिखने लगा, अवैध घुसपैठियों ने अपने वोट बैंक के कारण अब विधायिका में भी अपनी दखल बढ़ानी शुरू कर दी है,यही कारण है कि अवैध घुसपैठ के खिलाफ प्रभावी कानून बनाने के लिए जनता का दबाव भी बनने लगा था। इसी को ध्यान में रखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार में बीते बजट सत्र में इमिग्रेशन एंड फॉरेनर्स बिल 2025 रखा और कांग्रेस,तृणमूल कांग्रेस सहित अन्य विपक्षी दलों के विरोध के बावजूद इसे बहुमत से पारित करवाकर राष्ट्रपति के पास मंजूरी के लिए भेज दिया। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 4 अप्रैल को इसे कानून बनाने की स्वीकृति दे दी, यह कानून आजादी से पहले बने तीन और एक पुराने कानून को समाप्त कर नए कानून के रूप में आया है। आजादी से पहले  के फॉरेनर्स एक्ट 1946,  पासपोर्ट एक्ट 1920,  रजिस्ट्रेशन ऑफ फॉरेनर्स एक्ट 1939,  और इमिग्रेशन (करियर लाइबिलिटी) एक्ट 2000 के स्थान पर इमिग्रेशन एंड फॉरेनर्स एक्ट 2025 के रूप मे...

नव निधि और हनुमान जी

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 माँ सीता के शोक का निवारण करने वाले बाबा हनुमंत लाल जी को माता जानकी ने अष्ट सिद्धि नव निधि के दाता होने का आशीर्वाद दे दिया, हमने कल अष्ट सिद्धियां की चर्चा की आज हम बात करेंगे नव निधि की।  महापद्म निधि - जब संपत्ति का अर्जन सात्विक तरीके से किया जाए अपनी क्षमता में बढ़ोतरी समाज के हित में की जाए वह क्षमता और सामर्थ्य महापद्म निधि के रूप में संचित माना जाता है। ऐसा व्यक्ति अपनी संपदा और शक्ति का उपयोग समाज के लिए भी करता है। पद्म निधि - बुद्धि और ज्ञान के संयुक्त रूप से अर्जित सामर्थ्य इस निधि के अंतर्गत आता है।  ऐसे व्यक्ति में सत्व और रजो गुण दोनों होते है। मुकुंद निधि - ऐसी निधि ईश्वरीय अनुकंपा से ही प्राप्त होती है, यह निधि सकारात्मक सोच और करुणा के भाव से अर्जित होती है। ऐसे व्यक्ति भावनात्मक रूप से लोगों से जुड़ते है। नंद निधि - विचारों की सकारात्मकता इतनी की घोर नकारात्मकता के माहौल में भी सहज  और प्रसन्नचित व्यक्ति रहता है। मकर निधि - नवाचार,नव विचारों के प्रस्फुटन और रचनात्मकता को बढ़ाने वाली यह निधि व्यक्ति को सकारात्मक ऊर्जा से परिपूर्ण करती है। कच्...

क्या हनुमान जी ने किया था कभी अष्ट सिद्धियों का प्रयोग ?

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कल हमने चर्चा की थी, कि माता जानकी ने हनुमान जी को अष्ट सिद्धि और नव निधि का दाता होने का आशीर्वाद दिया। हनुमान जी को अष्ट सिद्धियां प्राप्त हैं  लेकिन क्या इनका उपयोग उन्होंने कभी किया था? कौन सी हैं अष्ट सिद्धियां? ये तो हम सभी जानते हैं कि हनुमान जी को अष्ट सिद्धियां मिली हुई हैं। ये सिद्धियां ऐसी हैं जिनके उपयोग से कुछ भी किया जा सकता है। पहले जानते हैं कि ये आठ सिद्धियां कौन-कौन सी हैं। अणिमा, महिमा, गरिमा, लघिमा, प्राप्ति, प्राकाम्य, ईशित्व और वशित्व।  अष्ट सिद्धि के बारे में कल भी हमने पढ़ा और आज फिर एक बार उनका स्मरण किया है, अब हम जानते हैं कि बाबा हनुमंत लाल जी ने इन सिद्धियों का कब-कब प्रयोग किया। अणिमा सिद्धि - इसका मतलब है कि अणु से भी छोटा यानि ये सिद्धि शरीर को अणु से भी छोटा कर देती है।  हनुमान जी को जब  विशाल समुद्र को पार कर लंका जाना था, माता सीता के बारे में पता करने तब समुद्र के बीच में उन्हें एक विशाल राक्षसी सुरसा ने रोक लिया था। इस वक्त हनुमान जी ने खुद को छोटा कर सुरसा के मुंह प्रवेश किया और वापस निकल आए।  जस-जस सुरसा बदनु बढ़ावा।  ...