
अभिनंदन रजनीश शर्मा,अभिनंदन टीम कसूम्बी... कलम उठाने वाले हाथ जब फावड़ा उठा ले तो समझ जाइये,कुछ ठन गयी है.... जी,हाँ! अपनी जन्मभूमि के लिए कुछ करने की ठानकर ही अपने सपनों की मंजिल पत्रकारिता के व्हाइट कॉलर जॉब को छोड़ रजनीश शर्मा ने अपने गांव को आदर्श गांव बनाने की ठान ली... पिछले ढ़ाई साल में नागौर जिले की लाडनूँ तहसील के अपने गांव कसूम्बी में 9300 पौधे ना केवल लगाये बल्कि उन्हें जिंदा भी रखने में कामयाबी पाई.... कहते है पहला पग किसी ना किसी को उठाना ही पड़ता है और कसूम्बी में पहला पग रजनीश ने उठाया तो देखते ही देखते युवाओं की टोली,बच्चों की टोली जुड़ती चली गयी तो बुजुर्गों ने आशीर्वाद दे दिया.... अवैज्ञानिक वर्जनाओं को तोड़ती महिलाओं की टोली भी साथ आ खड़ी हुई इस प्रकार टीम कसूम्बी बन गयी जो ना केवल पेड़ लगाती है बल्कि उनके पालन का जिम्मा भी उठाती है.... सार्वजनिक स्थानों पर वृक्षारोपण की हुई शुरुआत तो श्मशान कैसे अछूते रहे, आज गांव के सार्वजनिक श्मसान में हरियाली है तो वनोषधि वाटिका भी,फुलवारी भी है तो बैठने के लिए दर्द में शकुन देती पेड़ों की छांव भी.... विद्यालय,चिकित्सालय स...